गोधूली परिवार / Gaudhuli.com
जहां कुछ लोगो के लिए उत्पाद बेचना ही लक्ष्य है वही हमारे लिए उत्पाद केवल माध्यम है लक्ष्य नही।
लक्ष्य है इस माध्यम से आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ एवं सुदृढ़ बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करना जो बिना आपके सहयोग के संभव नहीं।
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नमस्ते, जैसे अग्नि में पवित्र आहुति ही डाली जाती है
वैसे ही पेट की जठराग्नि में भी पवित्र भोजन की ही आहुति देनी चाहिए।
इस प्रयास में आपका सहयोगी गोधूली परिवार की ओर से दीपावली की शुभकामनाएं
Gaudhuli.com
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RAGI Millet Cookies / रागी मिलेट बिस्कुट (देशी गोमाता के घी एवं खांड से निर्मित) – 250gm
These Millet Cookies are
Maida free
Wheat free
No White Sugar
No preservatives
No artificial flavours
No refined oil
Available on Gaudhuli.com
https://gaudhuli.com/product/ragi-biscuits/
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जानिये किस धन की है धनतेरस ?
क्यों बिना विवेक कुछ भी ख़रीद लेने का दिन नहीं है धनतेरस!
और यह धन से सम्बंधित नहीं है
****
स्वदेशी एवं स्वास्थ्य के सन्दर्भ में धनतेरस का महत्व
कुंठित एवं विकृत उपभोक्तावाद से प्रेरित बाजारीकरण के कारण धनतेरस को लेकर कुछ भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास एक प्रश्नावली के द्वारा:
https://www.virendersingh.in/2019/10/Dhanteras.html
क्यों बिना विवेक कुछ भी ख़रीद लेने का दिन नहीं है धनतेरस!
और यह धन से सम्बंधित नहीं है
****
स्वदेशी एवं स्वास्थ्य के सन्दर्भ में धनतेरस का महत्व
कुंठित एवं विकृत उपभोक्तावाद से प्रेरित बाजारीकरण के कारण धनतेरस को लेकर कुछ भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास एक प्रश्नावली के द्वारा:
https://www.virendersingh.in/2019/10/Dhanteras.html
कहीं उपवास से अनजाने में कम तो नहीं हो रही पति की आयु?
कुछ दिन पहले मैने यह प्रश्न डाला था कि
किसी को पता हो तो बताएं कि कुछ महिलाएं करवा चौथ में सूर्योदय से पहले कुछ खाने की रस्म
जिसे सरगी भी कहते है करती है और कुछ बिना भोजन और जल के करवाचौथ करती है
इन दोनों में क्या कोई अंतर है?
****
2011 से पहले मेरी माँ जब कहती थी कि करवा चौथ पर हमारे गांव की महिलाएं सूर्योदय से पहले कुछ खाकर दिन में करवा चौथ रखती थी।
तब अज्ञानतावश सोचता था कि दिन भर बिना अन्ना जल न रहना पड़े इसके लिए गांव की महिलाओं ने कुछ अपनी मर्जी से नियम बना लिया होगा।
परन्तु स्त्री धर्म पद्धति पुस्तक के प्रमाणित ज्ञान के अध्ययन के पश्चात जानकारी मिली कि प्रातः काल कुछ खाने के नियम जिसे सरगी भी कहा जाता है इसमें गहरा प्राचीन विज्ञान है।
गांव की महिलाएं इस नियम का पालन करती है भले ही विज्ञान न पता हो परंतु आज फिल्मों को देखकर त्योहार, विवाह आदि दिखावा के और बाजारीकरण को बढ़ाने हेतु करने लगे है
तो इसे ध्यान से समझिए
पराशर स्मृति के अनुसार (अध्याय 4, श्लोक 17)
पत्यौ जीवति या नार्युपोष्यव्रतमाचरेत् आयुष्यं हरते भर्तुः सा नारी नरकं व्रजेत् ॥ १७ ॥
अर्थात यदि कोई महिला अपने पति के जीवित रहते कोई व्रत करती है जिसमें उपवास सम्मिलित है। तो वह फलस्वरूप अपने पति की आयु को कम करती है एवं मृत्यु उपरांत नर्क में जाने की अधिकारी होती है
महिलाओं को करवाचौथ या किसी भी उपवास पर बिना जल एवं अन्न के उपवास से पति की आयु कम होगी अतः करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले कुछ पौष्टिक खा लेना चाहिए एवं अन्य उपवास में फलाहार या गो दुग्ध का सेवन करने का नियम बनाए। बिना अन्न जल के महिला के शरीर में प्राण ऊर्जा की कमी हो जाएगी एवं प्राण ऊर्जा की इस कमी को पत्नी पति से प्राण ऊर्जा खींचकर पूरी करेगी जिसके फलस्वरूप उसकी आयु की कम होगी।
परन्तु पति यदि किसी कारण से यात्रा पर हैं या दूर है तो पति को आयु की हानि नहीं होगी।
इसका अर्थ है कि पति के द्वारा पत्नी के लिए भावना में आकर रखे जाने वाले काउंटर व्रत को करने से बचना चाहिए इसके स्थान पर दोनों वर्ष भर करवा चौथ मनाएं जिसमें दोनों एक दूसरे को विवाह में दिए गए वचनों को पालन करने का नियम बनाएं।
इन वचनों के महत्व को जानने हेतु स्त्री धर्म पद्धति पुस्तक पढ़े जो अभी अंग्रेजी में है और Gaudhuli.com पर उपलब्ध है
या विस्तृत महाभारत या रामायण पढ़े।
प्राण ऊर्जा के बारे में जानकारी नहीं है तो समझ लीजिए कि जब हम किसी को मृत बताते है तो कहते है कि उसके प्राण निकल गए। यह वही प्राण ऊर्जा है जो हमें जीवित रखते है एवं ऋषियों द्वारा प्राचीन काल से हमारी दैनिक दिनचर्या के नियम इसी प्राण ऊर्जा को हमारे शरीर के अनुसार घटाने एवं बढ़ाने के अनुसार बनाए गए है।
इस पोस्ट में लिखी जानकारी से मन में प्रश्न एवं संदेह उत्पन्न होंगे तो अपरिपक्व टिप्पणी करने से अधिक उचित है कि सकारात्मक प्रश्न करें और स्वाध्याय करें।
जानकारी स्त्रोत -
स्त्री धर्म पद्धति पुस्तक
Virendersingh.in
कुछ दिन पहले मैने यह प्रश्न डाला था कि
किसी को पता हो तो बताएं कि कुछ महिलाएं करवा चौथ में सूर्योदय से पहले कुछ खाने की रस्म
जिसे सरगी भी कहते है करती है और कुछ बिना भोजन और जल के करवाचौथ करती है
इन दोनों में क्या कोई अंतर है?
****
2011 से पहले मेरी माँ जब कहती थी कि करवा चौथ पर हमारे गांव की महिलाएं सूर्योदय से पहले कुछ खाकर दिन में करवा चौथ रखती थी।
तब अज्ञानतावश सोचता था कि दिन भर बिना अन्ना जल न रहना पड़े इसके लिए गांव की महिलाओं ने कुछ अपनी मर्जी से नियम बना लिया होगा।
परन्तु स्त्री धर्म पद्धति पुस्तक के प्रमाणित ज्ञान के अध्ययन के पश्चात जानकारी मिली कि प्रातः काल कुछ खाने के नियम जिसे सरगी भी कहा जाता है इसमें गहरा प्राचीन विज्ञान है।
गांव की महिलाएं इस नियम का पालन करती है भले ही विज्ञान न पता हो परंतु आज फिल्मों को देखकर त्योहार, विवाह आदि दिखावा के और बाजारीकरण को बढ़ाने हेतु करने लगे है
तो इसे ध्यान से समझिए
पराशर स्मृति के अनुसार (अध्याय 4, श्लोक 17)
पत्यौ जीवति या नार्युपोष्यव्रतमाचरेत् आयुष्यं हरते भर्तुः सा नारी नरकं व्रजेत् ॥ १७ ॥
अर्थात यदि कोई महिला अपने पति के जीवित रहते कोई व्रत करती है जिसमें उपवास सम्मिलित है। तो वह फलस्वरूप अपने पति की आयु को कम करती है एवं मृत्यु उपरांत नर्क में जाने की अधिकारी होती है
महिलाओं को करवाचौथ या किसी भी उपवास पर बिना जल एवं अन्न के उपवास से पति की आयु कम होगी अतः करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले कुछ पौष्टिक खा लेना चाहिए एवं अन्य उपवास में फलाहार या गो दुग्ध का सेवन करने का नियम बनाए। बिना अन्न जल के महिला के शरीर में प्राण ऊर्जा की कमी हो जाएगी एवं प्राण ऊर्जा की इस कमी को पत्नी पति से प्राण ऊर्जा खींचकर पूरी करेगी जिसके फलस्वरूप उसकी आयु की कम होगी।
परन्तु पति यदि किसी कारण से यात्रा पर हैं या दूर है तो पति को आयु की हानि नहीं होगी।
इसका अर्थ है कि पति के द्वारा पत्नी के लिए भावना में आकर रखे जाने वाले काउंटर व्रत को करने से बचना चाहिए इसके स्थान पर दोनों वर्ष भर करवा चौथ मनाएं जिसमें दोनों एक दूसरे को विवाह में दिए गए वचनों को पालन करने का नियम बनाएं।
इन वचनों के महत्व को जानने हेतु स्त्री धर्म पद्धति पुस्तक पढ़े जो अभी अंग्रेजी में है और Gaudhuli.com पर उपलब्ध है
या विस्तृत महाभारत या रामायण पढ़े।
प्राण ऊर्जा के बारे में जानकारी नहीं है तो समझ लीजिए कि जब हम किसी को मृत बताते है तो कहते है कि उसके प्राण निकल गए। यह वही प्राण ऊर्जा है जो हमें जीवित रखते है एवं ऋषियों द्वारा प्राचीन काल से हमारी दैनिक दिनचर्या के नियम इसी प्राण ऊर्जा को हमारे शरीर के अनुसार घटाने एवं बढ़ाने के अनुसार बनाए गए है।
इस पोस्ट में लिखी जानकारी से मन में प्रश्न एवं संदेह उत्पन्न होंगे तो अपरिपक्व टिप्पणी करने से अधिक उचित है कि सकारात्मक प्रश्न करें और स्वाध्याय करें।
जानकारी स्त्रोत -
स्त्री धर्म पद्धति पुस्तक
Virendersingh.in
करवा चौथ से अनजाने में कम तो नहीं हो रही पति की आयु? जानिए नियम
http://www.virendersingh.in/2024/10/blog-post.html
http://www.virendersingh.in/2024/10/blog-post.html
कैसे बनाएं शरद पूर्णिमा की विशेष खीर?
16 अक्टूबर 2024 को शरद पूर्णिमा है
अर्थात 16 अक्टूबर की रात को खीर बनाकर चाँदनी में रखकर 17 अक्टूबर की सुबह खाना न भूलना।
इस दिन चांदनी रात में औषधीय खीर बनाने का प्रचलन है, जिससे अगले 1 साल तक कोई बीमारी होने की संभवना कम होगी ।
खासकर दमा रोग, तपेदिक, हृदय रोग, किडनी समस्या, सिरदर्द, आँखों के रोग, पीलिया इत्यादि किसी को हो भी तो वो शरद पूर्णिमा में बना खीर जो रात भर खुले आकाश में रखा जाता हैं, उसे खाने से कई रोग दूर होते हैं।
नीचे link में बताया है कि खीर में कौन कौन सी जड़ी बूटियों को डालकर इसे बनाया जाता हैं .......
पूरी पोस्ट यहाँ पढ़े ......
https://www.virendersingh.in/2021/10/sharad-poonima-kheer.html
****
गोधूलि परिवार द्वारा जनहित में प्रेषित
Gaudhuli.com
गोधूली परिवार द्वारा संचालित
एक अनोखा आर्गेनिक ऑनलाइन स्टोर जहाँ उत्पाद और मात्रा सीमित है, गुणवत्ता नहीं
16 अक्टूबर 2024 को शरद पूर्णिमा है
अर्थात 16 अक्टूबर की रात को खीर बनाकर चाँदनी में रखकर 17 अक्टूबर की सुबह खाना न भूलना।
इस दिन चांदनी रात में औषधीय खीर बनाने का प्रचलन है, जिससे अगले 1 साल तक कोई बीमारी होने की संभवना कम होगी ।
खासकर दमा रोग, तपेदिक, हृदय रोग, किडनी समस्या, सिरदर्द, आँखों के रोग, पीलिया इत्यादि किसी को हो भी तो वो शरद पूर्णिमा में बना खीर जो रात भर खुले आकाश में रखा जाता हैं, उसे खाने से कई रोग दूर होते हैं।
नीचे link में बताया है कि खीर में कौन कौन सी जड़ी बूटियों को डालकर इसे बनाया जाता हैं .......
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गोधूलि परिवार द्वारा जनहित में प्रेषित
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शुद्ध मिठाई से होगी शुभ दीपावली
विभिन्न त्यौहारों पर स्वादिष्ट एवं उच्च गुणवत्ता की मिठाईयों की उपलब्धता करवाने का दायित्व गोधूली परिवार कई वर्षो से निभा रहा है
अतः गोधूलि परिवार द्वारा शुद्धतम उत्पाद उपलब्ध करवाने की श्रृंखला में
इस दीपावली को मनाएं देशी गाय के घी, दूध एवं देशी खांड से निर्मित मिठाइयों से
Gaudhuli.com
पर उपलब्ध
अधिक विवरण हेतु नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
https://gaudhuli.com/product/mithai-pack/
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इस दीपावली को मनाएं देशी गाय के घी, दूध एवं देशी खांड से निर्मित मिठाइयों से
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त्रिफला कल्प: 12 वर्ष तक त्रिफला सेवन का लाभ
https://www.virendersingh.in/2019/06/trifala-sudha.html
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ऋतु विद्या एवं स्त्री धर्म पद्धति नाम की दो पुस्तक जो देश की हर महिला को पढ़नी चाहिए
मासिक धर्म एवं अन्य प्रथाओं के पीछे का प्राचीन विज्ञान _ by Sinu Joseph
मासिक धर्म से जुड़े नियमो को अन्धविश्वास मानकर उन्हें नकारने वालो को
यह चुनौती है कि इस पुस्तक को पढ़ने का साहस करें और अपने भ्रम दूर करें
यह अद्भुत पुस्तक अब उपलब्ध है नीचे दिए लिंक पर जाए
https://gaudhuli.com/product/books-by-sinu-joseph/
क्यों पढ़नी चाहिए यह पुस्तक उसके लिए यह वीडियो देखें
https://youtube.com/live/hDr0y8EgZpk?feature=share
मासिक धर्म एवं अन्य प्रथाओं के पीछे का प्राचीन विज्ञान _ by Sinu Joseph
मासिक धर्म से जुड़े नियमो को अन्धविश्वास मानकर उन्हें नकारने वालो को
यह चुनौती है कि इस पुस्तक को पढ़ने का साहस करें और अपने भ्रम दूर करें
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क्यों पढ़नी चाहिए यह पुस्तक उसके लिए यह वीडियो देखें
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शर्मनाक: तिरुपति मंदिर का टेंडर अब किसको मिला है?
तिरुपति मंदिर ने एआर डेयरी को सिर्फ 320 रुपये किलो के भाव से देसी घी सप्लाई का टेंडर दिया गया था।
एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड के पहले ये टेंडर नंदिनी घी के पास था, जो कैंसिल कर दिया गया था। बाद में जब जुलाई 2024 में घी मे मिलावट पाई गई तो फिर से नंदिनी घी को 470 रुपये किलो के भाव से नया टेंडर दिया गया है।
मतलब अभी भी आपको देसी गाय के घी का प्रसाद नहीं मिलेगा विदेशी नस्ल का ही घी का प्रसाद मिलेगा।
क्योकि नंदिनी डेरी की कहानी इस लिंक में है
https://youtu.be/dDookw07fCg?feature=shared&t=1112
तिरुपति मंदिर ने एआर डेयरी को सिर्फ 320 रुपये किलो के भाव से देसी घी सप्लाई का टेंडर दिया गया था।
एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड के पहले ये टेंडर नंदिनी घी के पास था, जो कैंसिल कर दिया गया था। बाद में जब जुलाई 2024 में घी मे मिलावट पाई गई तो फिर से नंदिनी घी को 470 रुपये किलो के भाव से नया टेंडर दिया गया है।
मतलब अभी भी आपको देसी गाय के घी का प्रसाद नहीं मिलेगा विदेशी नस्ल का ही घी का प्रसाद मिलेगा।
क्योकि नंदिनी डेरी की कहानी इस लिंक में है
https://youtu.be/dDookw07fCg?feature=shared&t=1112
पाप का भागी कौन?
जिस देश में कारतूस में चर्बी पर 1857 की क्रांति हो गई थी वहां आज तिरुपति मंदिर के प्रसाद में प्रयोग होने वाले घी में सुअर और गाय की चर्बी की करके मिलावट और मुनाफाखोरो ने भगवान को भी नही छोड़ा
प्रश्न यह है कि इस कुकर्म का पाप किसको लगेगा?
1.प्रसाद खाने वाले को?
2. प्रसाद बनाने वालो को?
3. प्रसाद बनवाने वाले को?
तो इसका सीधा सरल उत्तर है कि जिसको भी यह पता था कि इस प्रसाद के घी में मिलावट थी और उन्होंने इसको होने दिया वो सब पाप के भागी है। इसका अर्थ है कि बनवाने वाले इसमें अधिक सम्मिलित है।
परंतु अब जिन्हें यह प्रसाद गलती से अनजाने में खा लिया है और वह स्वयं को कोस रहे है उनके लिए भी प्रायश्चित है कि वह शुद्धि हेतु 21 दिन तक ताजा पंचगव्य बनाकर उसका सेवन करें।
एवं पुनः इस प्रकार से सस्ते घी के चक्कर में।चर्बी युक्त कुछ खाने से पहले सावधानी रखेंगे।
तिरुपति मंदिर की समिति को दोष देने से पहले आप स्वयं यह सोचे कि उनकी तरह सस्ते के चक्कर में घर में पूजा या दीपक जलाने के लिए या खाने के लिए कहीं आप भी तो चर्बी मिला घी प्रयोग कर ऐसा पाप जानकर तो नही कर रहे?
पंचगव्य कैसे बनाये?
सामग्री:
1.शुद्ध बिलोने वाला गऊघृत
2. कच्चा गो दुग्ध
3. ताज़ा गोमूत्र
4. ताज़ा गोमय (गोबर का रस)
5. ताज़ा छाछ
6. शुद्ध शहद
विधि : एक बर्तन में 300 ml पानी गुनगुने से थोड़ा अधिक गर्म करें
दूसरे किसी बर्तन के ऊपर लिखे क्रम के अनुसार एक सभी सामग्री एक एक चम्मच मिलाए और हर सामग्री के मिलने पर उसे लगभग 5 मिनट तक फेंटे।
अर्थात गऊ घृत सबसे पहले और शहद अंत मे।
इस सामग्री वाले बर्तन को गर्म पानी मे 5 मिनट रखकर रखकर पांचो गव्यों को एक रस होने दे और उसके बाद अच्छे से 10 मिनट तक फेंट दे।
पंचगव्य तैयार है
ध्यान रहे - यह ताज़ा ही बनाना है ताज़ा ही सेवन करना है
वीरेंद्र सिंह
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जिस देश में कारतूस में चर्बी पर 1857 की क्रांति हो गई थी वहां आज तिरुपति मंदिर के प्रसाद में प्रयोग होने वाले घी में सुअर और गाय की चर्बी की करके मिलावट और मुनाफाखोरो ने भगवान को भी नही छोड़ा
प्रश्न यह है कि इस कुकर्म का पाप किसको लगेगा?
1.प्रसाद खाने वाले को?
2. प्रसाद बनाने वालो को?
3. प्रसाद बनवाने वाले को?
तो इसका सीधा सरल उत्तर है कि जिसको भी यह पता था कि इस प्रसाद के घी में मिलावट थी और उन्होंने इसको होने दिया वो सब पाप के भागी है। इसका अर्थ है कि बनवाने वाले इसमें अधिक सम्मिलित है।
परंतु अब जिन्हें यह प्रसाद गलती से अनजाने में खा लिया है और वह स्वयं को कोस रहे है उनके लिए भी प्रायश्चित है कि वह शुद्धि हेतु 21 दिन तक ताजा पंचगव्य बनाकर उसका सेवन करें।
एवं पुनः इस प्रकार से सस्ते घी के चक्कर में।चर्बी युक्त कुछ खाने से पहले सावधानी रखेंगे।
तिरुपति मंदिर की समिति को दोष देने से पहले आप स्वयं यह सोचे कि उनकी तरह सस्ते के चक्कर में घर में पूजा या दीपक जलाने के लिए या खाने के लिए कहीं आप भी तो चर्बी मिला घी प्रयोग कर ऐसा पाप जानकर तो नही कर रहे?
पंचगव्य कैसे बनाये?
सामग्री:
1.शुद्ध बिलोने वाला गऊघृत
2. कच्चा गो दुग्ध
3. ताज़ा गोमूत्र
4. ताज़ा गोमय (गोबर का रस)
5. ताज़ा छाछ
6. शुद्ध शहद
विधि : एक बर्तन में 300 ml पानी गुनगुने से थोड़ा अधिक गर्म करें
दूसरे किसी बर्तन के ऊपर लिखे क्रम के अनुसार एक सभी सामग्री एक एक चम्मच मिलाए और हर सामग्री के मिलने पर उसे लगभग 5 मिनट तक फेंटे।
अर्थात गऊ घृत सबसे पहले और शहद अंत मे।
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वीरेंद्र सिंह
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Handcrafted 100% Pure Brass Masala Box / हस्तनिर्मित पीतल का मसाला बॉक्स (8 inch)
Link to order
https://gaudhuli.com/product/brass-masala-box/
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पंचगव्य चिकित्सा परामर्श एवं
प्राकृतिक उत्पाद केंद्र द्वारा
***
चिकित्सीय परामर्श
14 September 2024
समय - प्रातः 11 से 02 बजे।
*गोधूली परिवार केंद्र*
प्लॉट संख्या 14A, प्रथम तल,
हरी विहार, ककरोला,
सेक्टर 16, द्वारका
नई दिल्ली 110078
द्वारका मेट्रो स्टेशन से 300मीटर दूर
मेट्रो पिलर संख्या 815A के सामने
संपर्क 9873410520
गूगल मैप लिंक:
https://maps.app.goo.gl/rL84yDhym9SRyghZ8
******
Important Update:
Gaudhuli Parivaar's main centre has been shifted to a new location which is only 800 meters away from. Now the nearest metro station is Dwarka which is only 300 meters away from our new centre.
Gaudhuli Parivaar
Plot no 14-A, 1st Floor,
Hari Vihar, Kakrola
Sector 16, Dwarka
New Delhi 110078
9873410520
Landmark
Opposite Metro Pillar No. 815 A,
300m from Dwarka Metro Station
Google map link
https://maps.app.goo.gl/rL84yDhym9SRyghZ8
प्राकृतिक उत्पाद केंद्र द्वारा
***
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14 September 2024
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गोधूली परिवार को सहयोग देने के लिए धन्यवाद! कृतज्ञता वयक्त करने हेतु वीडियो
https://youtube.com/live/F3EY6Q7I-04
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🌟🌟🌟🌟🌟 5 star review from ALOK RANJAN PRADHAN: I respect the rich tradition of Ayurveda.
I recently started using Swarnprashanam and I am thoroughly impressed with the results. From the very first week, I noticed a significant improvement in my child and I can genuinely feel the difference. I just regret a little why I didn't know this earlier.
Thank You Gaudhuli Parivaar. 🙏
https://gaudhuli.com/product/swarnprashan/
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दक्षिण भारत की सबसे महँगी परन्तु उत्तम मिर्चो में से एक
अब Gaudhuli.com पर उपलब्ध
Gandhari Mirch | गांधारी मिर्च – (पूर्णतया प्राकृतिक – Naturally Grown)
मिर्च का विशेष गुण : यह मिर्च पित्त प्रकृति के लोग भी उचित मात्रा में सेवन कर सकते है
एवं इस से अनावश्यक पित्त का संतुलन नहीं बिगड़ता
गांधारी मिर्च में उपस्थित पोषक तत्व
विटामिन ए, सी और ई
बीटा-कैरोटीन
फोलिक एसिड
पोटैशियम
गांधारी मिर्च के स्वास्थ्य लाभ:
1. सूजनरोधी क्षमता
2. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
3. पाचन सहायता
4. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने वाला
5. शरीर के वज़न प्रबंधन में सहयोगी
6. त्वचा और बालों के लिए लाभ
7. मधुमेह प्रबंधन
8. हृदय स्वास्थ्य
9. मूड में सुधार
10. श्वसन स्वास्थ्य
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https://youtu.be/Jmwr82srSgk
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माता-पिताओ से निवेदन है कि अपने बाल-गोपालो को केवल
श्री कृष्ण जैसा दिखाकर नहीं , श्री कृष्ण जैसा बनाकर भी दिखाना है
जिसका पहला चरण है उचित आहार
इस प्रथम चरण में आपका सहयोग करने वाले
गोधूली परिवार की ओर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
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100% शुद्ध प्राकृतिक हींग 5gm / 10gm / 15 gm (No Atta No Maida)
बाजार में आपको कई प्रकार की और सस्ती हींग मिलेगी परन्तु शायद ही आपने इस गुणवत्ता की हींग का स्वाद लिया हो
जो गोधूली परिवार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है
एक बार मंगवाकर अवशय सेवन करें
The best Heeng you will ever try
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